मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हुए मार्चुला बस हादसे के बाद राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रमों को सादगी से मनाने का निर्णय लिया है। सचिवालय में अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर इस साल किसी भी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा, बल्कि पूरे राज्य में सेवा और स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय प्रदेश में हाल ही में हुई बस दुर्घटना की वजह से लिया गया है, जिसमें कई निर्दोष लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। उन्होंने इस घटना को लेकर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
पर्वतीय क्षेत्रों में बसों की व्यवस्था पर ध्यान
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में परिवहन सुविधाओं का आकलन किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि जहां अतिरिक्त बसों की आवश्यकता है, वहां नई गाड़ियों की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा, आगामी त्योहारों के दृष्टिगत भी जहाँ बसों की अधिक मांग हो, वहां पर्याप्त बसों की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सड़क सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि इस कार्य में किसी भी अधिकारी की लापरवाही पाई जाती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिवानी की देखभाल की जिम्मेदारी सरकार की
मुख्यमंत्री धामी ने मार्चुला हादसे में अपने माता-पिता को खोने वाली शिवानी के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बेटी की देखभाल और शिक्षा की जिम्मेदारी लेगी, ताकि वह जीवन में आगे बढ़कर अपने माता-पिता के सपनों को साकार कर सके।
चौकी प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश
मुख्यमंत्री ने इस दुर्घटना से संबंधित चौकी प्रभारियों की जिम्मेदारी तय करने का भी निर्देश दिया और कहा कि यदि उनकी लापरवाही सामने आती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राज्य स्थापना दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का स्थगन
राज्य स्थापना दिवस के तहत 8 नवंबर को प्रस्तावित सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस दिन केवल सेवा और स्वच्छता के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, ताकि इस दुखद घटना के मद्देनजर कोई भी उत्सव या समारोह न हो।