मल्टीनेशनल फूड चेन KFC के खिलाफ जिला फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला तब सामने आया जब विभाग ने KFC द्वारा उपयोग किए जा रहे वाटर स्टैंड की जांच की और पाया कि वॉटर टेस्टिंग रिपोर्ट में गलत जानकारी दी गई है। इस मामले में विभाग ने एडीएम कोर्ट में वाद दायर किया है।
फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की छापेमारी के दौरान KFC द्वारा प्रस्तुत की गई वाटर प्यूरिटी रिपोर्ट संदिग्ध पाई गई। विभाग ने FSS Act-2006 के तहत कार्रवाई करते हुए KFC पर मिथ्या सूचना देने का आरोप लगाया है, जिसके तहत अधिकतम 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
अपर आयुक्त ताजवर सिंह ने कहा, “किसी भी रेस्टोरेंट या होटल के लिए पानी की शुद्धता बहुत आवश्यक है। यदि शुद्ध पानी से भोजन नहीं पकाया गया तो इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।”
उत्तराखंड फूड एवं सेफ्टी डिपार्टमेंट लगातार खाद्य गुणवत्ता की जांच के लिए विभिन्न रेस्टोरेंट्स, मिठाई की दुकानों और शॉपिंग मॉल में छापेमारी कर रहा है। इस क्रम में KFC से मांगी गई वाटर प्यूरिटी रिपोर्ट गलत पाई गई, जिसके कारण विभाग ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
KFC द्वारा पेश की गई वाटर रिपोर्ट का गलत पाया जाना एक गंभीर मामला है। यह एक मल्टीनेशनल फूड चेन है, जहां मानकों का खास ध्यान रखा जाता है, और इस घटना से KFC की प्रतिष्ठा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इस मामले के आगे की जांच जारी है, और खाद्य सुरक्षा विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।